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Showing posts from September, 2018

异想天开的“藏水入疆”

2017年,网 络上一篇《藏水 入疆直通隧道工程规划建议》,又让一些人兴奋了起来。其实,中国不时会有诸如“炸开喜马拉雅山”、“引渤海水入疆”这样的惊天宏论泛起。所谓“藏水入疆”不过是这类曾经热过一阵的神话的又一翻版。 这些异想天开的构想中见 不到对淹没损失、 移民、文化冲突等社会环境影响的最起码的科学分析与评估。方案设计者如入无人之境,可以随心所欲指点江山。对这种“科幻小说式”的臆想,本不足与论。但在一个生态意识和科学素养仍相对较低的社会,它却能获得不少的关注与青睐。因此有必要简要说明其荒唐之处。 南水北调西线争议 “藏水入疆”脱胎于南水北调西线方案的 论证。因此需要对 南水北调西线工程的由来作一个基本了解。 现有的南水北调工程规划,分为东、中、西三线,其中东、中线工程已经实施,西线工程还处于可行性论证阶段。西线工程设想由长江上游调水入黄河。由于输水区河床比受水区河床低80米至500米,为了自流输水,工程需要在通天河-金沙江、雅砻江、大渡河的干流及多条支流上,建起一系列大坝,多数坝高都在150米以上,最大坝高达292米,以提高水位,并通过穿越一系列分水岭 的深埋长隧道来 解决输水,最长隧洞可达164千米。 南水北调西线工程一直受到业内专家和社会层面的广泛质疑,主要焦点在于:工程处于海拔三四千米以上的高原-极高山区,寒冷、交通不便、地质条件复杂、地质灾害活动强烈、生态环境脆弱,而且为特殊的宗教文化区和少数民族聚 居区,工程的建 设与维护成本,以及生态成本和社会成本都极其高昂;自然水资源量无法满足计划调水量,既使按照计划的调水量调水,既不可能解决西北地区半干旱与干旱的自然地理现状,也会给调水区下游的水环境带来严重的负面影响。既使不考虑生态和社会成本,仅就工程建设与维护的投入所导致的水资源获取成本来看,它也不具备经济可行性。 与现有的南水北调西线工程设想相比,一些更大胆的设想可上溯至20世纪50年代有关部门和专家论证的由雅鲁藏布江 、怒江、澜沧江以及 长江上游向北调水的“大西线调水”,它包括了许多不同的方案。在当时的背景下,这些方案还不可能充分顾及到调水对生态环境与社会环境的影响,也不可能充分考虑到水环境保护与水资源合理利用对可持续发展的意义。在本世纪初由水利部黄河水利委员会提出的南水北调西线工程设想中,之所以把调水区限制于长江上游,实际上也表明...

पार्टी के फ़ेसबुक ट्विटर को देखिए वहां ये सब है

में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इं डिया बनी थी और इसी साल राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भी बना था. आरएसएस ने खुद को गांव-गांव तक पहुंचाया, तमाम संगठन हैं जो उनके तहत काम करते हैं. एक ज़माने में कम्युनिस्ट पार्टी के भी ऐसे कुछ सांस्कृतिक संगठन थे जैसे इप्टा था. आख़िर आप लोग कहां रास्ता भटक गए? आरएसएस और उसका जो राजनीतिक अंग है बीजेपी, वो तभी बहुत ज़्या दा प्रभावी दिखते हैं जब सत्ता में होते हैं. जब ये सत्ता में नहीं होते हैं, जैसे जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे और गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि आरएसएस का सबसे बड़ा संगठन केरल में है, वहां आप देखिए क्या हाल हो रहा है राजनीति में. इस तरह की पार्टियों को सत्ता में रहने का फ़ायदा हो कांग्रेस के साथ गठबंधन राज्य के अनुसार तय होगा. देश के स्तर पर देखें तो कभी भी कोई महागठबंधन पहले से तय नहीं होता. आज तक जितनी भी गठबंधन सरकारें बनी हैं, वो चुनाव के बाद ही बने. इस तरह जो भी गठबंधन होगा वो  चुनाव के बाद ब नेगा, बस अभी यह तय किया जाए कि बीजेपी के ख़िलाफ़ वोटों का बंटवारा कम से कम हो. सवालः आज के ज़माने में भी सोशल मीडि...

महिला ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- जेठ बार-बार करता था शारीरिक शोषण

रत। भेस्तान स्थित भैरवनगर में एक 32 वर्षीय महिला ने अपने ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगा ली। महिला ने सुसाइड से पहले एक नोट छोड़ा है, जिसमें उसने जेठ पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। इसी आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है । पति करता था मारपीट.. . मृतका के मायके वालों ने आरोप लगाया है कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता था। पति ने घर में इतनी दहशत बना रखी थी कि उसके तीनों बच्चे भी उससे डरते थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर पति को गिरफ्तार कर लिया है। घटना दो सितंबर की रात दो बजे की है। जब विवाहिता कंचन गुप्ता ने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी होते ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम में लिए शव को सिविल अस्पताल भेजा, लेकिन मृतका के परिवार वाले इस बात पर अड़ गए कि पहले पुलिस मामले की शिकायत दर्ज करे, जिसमें आरोपी ससुराल वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। विरोध होता देख पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ माम ला दर्ज किया, त ब जाकर मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किया गया। चार साल से किया जा रहा था अत्याचार मृतका की छोटी बहन नीलम ने बताया...